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26th જાન્યુઆરી સ્પીચ(નિબંધ)

Information about various special days coming in January is given here. If you want to get information about these special days for girls in school and for your own knowledge, then study the following post. Information for the great people of India has been published here. On January 26th, our national festival of India came into force and our constitution came into force on this day. Great fighters were freedom fighters. . Here is the Hindi speeches that can be presented to children on speculation on 26th January. Here is the information on small and large lectures on January 26

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जनवरी में आने वाले विभिन्न विशेष दिनों के बारे में जानकारी यहां दी गई है। यदि आप स्कूल में लड़कियों और अपने खुद के ज्ञान के लिए इन विशेष दिनों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित पोस्ट का अध्ययन करें। भारत के महान लोगों के लिए जानकारी यहां प्रकाशित की गई है। 26 जनवरी को, भारत का हमारा राष्ट्रीय त्योहार अस्तित्व में आया और इस दिन हमारे संविधान लागू हुआ। महान सेनानियों स्वतंत्रता सेनानी थे । यहां हिंदी भाषण हैं जो 26 जनवरी को अटकलों पर बच्चों को प्रस्तुत किया जा सकता है। यहां 26 जनवरी को छोटे और बड़े व्याख्यानों के बारे में जानकारी दी गई है

गणतंत्र दिवस पर निबंध 1 (100 शब्द)

26 जनवरी 1950, पूरा भारतवर्ष हर साल इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी 1950 के इस खास दिन पर भारतीय संविधान ने शासकीय दस्तावेजों के रुप में भारत सरकार के 1935 के अधिनियम का स्थान ले लिया। भारत सरकार द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारत के लोग इस महान दिन को अपने तरीके से मनाते है। इस दिन पर भारत के राष्ट्रपति के समक्ष नई दिल्ली के राजपथ (इंडिया गेट ) पर परेड का आयोजन होता है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 2 (150 शब्द)

जब पहली बार भारत को अपना संविधान मिला तब से भारत हर साल 26 जनवरी 1950 से गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है भारतीय इतिहास में गणतंत्र दिवस का बहुत महत्व है क्योंकि ये हमें भारतीय स्वतंत्रता से जुड़े हर-एक संघर्ष के बारे में बताता है। भारत की पूरी आजादी (पूर्णं स्वराज) की प्राप्ति के लिये लाहौर में रावी नदी के किनारे 1930 में इसी दिन भारत की आजादी के लिये लड़ने वाले लोगों ने प्रतिज्ञा की थी। जो 15 अगस्त 1947 को साकार हुआ।
26 जनवरी 1950 को, हमारा देश भारत संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, और लोकतांत्रिक, गणराज्य के रुप में घोषित हुआ अर्थात भारत पर खुद का राज था उस पर कोई बाहरी शक्ति शासन नहीं करेगी। इस घोषणा के साथ ही दिल्ली के राजपथ पर भारत के राष्ट्रपति के द्वारा झंडा फहराया गया साथ ही परेड तथा राष्ट्रगान से पूरे भारत में जश्न का माहौल शुरु हो गया।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 3 (200 शब्द)

गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी भी कहा जाता है जो कि हर साल मनाया जाता है ये दिन हर भारतीयों के लिये मायने रखता है क्योंकि इसी दिन भारत को एक गणतांत्रिक देश घोषित किया गया था साथ ही आजादी के लंबे संघर्ष के बाद भारतीयों को अपनी कानूनी किताब ‘संविधान’ की प्राप्ति हुई थी। 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ और इसके ढ़ाई साल बाद ये लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में स्थापित हुआ।
आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने को कहा गया। 4 नवंबर 1947 को डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। इसे पूरी तरह तैयार होने में लगभग तीन साल का समय लगा और आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को इसको लागू होने के साथ ही खत्म हुई। साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ।
भारत में गणतंत्र दिवस का दिन राष्ट्रीय अवकाश के रुप में मनाया जाता है जब इस महान दिन का उत्सव लोग अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे- समाचार देखकर, स्कूल में भाषण के द्वारा या भारत की आजादी से संबंधित किसी प्रतियोगिता में भाग लेकर आदि। इस दिन भारतीय सरकार द्वारा नई दिल्ली के राजपथ पर बहुत बड़ा कार्यक्रम रखा जाता है, जहाँ झंडारोहड़ और राष्ट्रगान के बाद भारत के राष्ट्रपति के समक्ष इंडिया गेट पर भारतीय सेना द्वारा परेड किया जाता है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 4 (250 शब्द)

हर साल 26 जनवरी को भारत अपना गणतंत्र दिवस मनाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। इसे हम सभी राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते है और इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। इसके अलावा गाँधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस को भी राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारतीय संसद में भारत के संविधान के लागू होते ही 26 जनवरी 1950 को हमारा देश पूरी तरह से को लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।
इस महान दिन पर भारतीय सेना द्वारा भव्य परेड किया जाता है जो सामान्यत: विजय चौक से शुरु होकर इंडिया गेट पर खत्म होता है। इस दौरान तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है साथ ही सेना द्वारा अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी किया जाता है जो हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। आर्मी परेड के बाद देश के सभी राज्यों द्वारा झाँकियों के माध्यम से अपने संस्कृति और परंपरा की प्रस्तुति की जाती है। इसके बाद, भारतीय वायु सेना द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के रंगों (केसरिया, सफेद, और हरा) की तरह आसमान से फूलों की बारिश की जाती है।
इस दिन स्कूल-कॉलेजों में भी विद्यार्थी परेड, खेल, नाटक, भाषण, नृत्य, गायन, निबंध लेखन, सामाजिक अभियानों में मदद के द्वारा, स्वतंत्रता सेनानियों के किरदार निभा कर आदि बहुत सारी क्रियाओं द्वारा इस उत्सव को मनाते है। इस दिन हर भारतीय को अपने देश को शांतिपूर्णं और विकसित बनाने के लिये प्रतिज्ञा करनी चाहिये। और अंत में हर विद्यार्थी मिठाई और नमकीन लेकर खुशी-खुशी अपने घर को रवाना हो जाता है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 5 (300 शब्द)

भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में जाना जाता है जो कि भारत के लोगों द्वारा बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व को सम्मान देने के लिये इसको मनाया जाता है जो 26 जनवरी 1950 में भारत के संविधान के लागू होने के बाद घोषित किया गया था। इसे ब्रिटीश शासन से भारत की ऐतिहासिक आजादी को याद करने के लिये मनाया जाता है। इस दिन को भारत सरकार द्वारा पूरे देश में राजपत्रित अवकाश के रुप में घोषित किया गया है। इसे पूरे भारत वर्ष में विद्यार्थीयों द्वारा स्कूल, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता है।
भारत सरकार हर साल राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित करती है जिसमें इंडिया गेट पर खास परेड का आयोजन होता है। अल-सुबह ही इस महान कार्यक्रम को देखने के लिये लोग राजपथ पर इकट्ठा होने लगते है। इसमें तीनों सेनाएँ विजय चौक से अपनी परेड को शुरु करती है जिसमें तरह-तरह अस्त्र-शस्त्रों का भी प्रदर्शन किया जाता है। आर्मी बैंड, एन.सी.सी कैडेट्स और पुलिस बल भी विभिन्न धुनों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन करते है। राज्यों में भी इस उत्सव को राज्यपाल की मौजूदगी में बेहद शानदार तरीके से मनाया जाता है।
भारत में आजादी के बाद “विविधता में एकता” के अस्तित्व को दिखाने के लिये देश के विभिन्न राज्य भी खास झाँकियों के माध्यम से अपनी संस्कृति, परंपरा और प्रगति को प्रदर्शित करते है। लोगों द्वारा अपनी तरफ का लोक नृत्य प्रस्तुत किया जाता है साथ ही गायन, नृत्य और वाद्य यंत्रों को बजाया जाता है। कार्यक्रम के अंत में तीन रंगों(केसरिया, सफेद, और हरा) के फूलों की बारिश वायु सेना द्वारा की जाती है जो आकाश में राष्ट्रीय झंडे का चिन्ह् प्रदर्शित करता है। शांति को प्रदर्शित करने के लिये कुछ रंग-बिरंगे गुब्बारों को आकाश में छोड़ा जाता है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 6 (400 शब्द)

हमारी मातृभूमि भारत लंबे समय तक ब्रिटीश शासन की गुलाम रही जिसके दौरान भारतीय लोग ब्रिटीश शासन द्वारा बनाये गये कानूनों को मानने के लिये मजबूर थे, भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा लंबे संघर्ष के बाद अंतत: 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। लगभग ढाई साल बाद भारत ने अपना संविधान लागू किया और खुद को लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में घोषित किया। लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद 26 जनवरी 1950 को हमारी संसद द्वारा भारतीय संविधान को पास किया गया। खुद को संप्रभु, लोकतांत्रिक, गणराज्य घोषित करने के साथ ही भारत के लोगों द्वारा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।
भारत में निवास कर रहे लोगों और विदेश में रह रहे भारतीयों के लिय गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाना सम्मान की बात है। इस दिन की खास महत्वता है और इसमें लोगों द्वारा कई सारे क्रिया-कलापों में भाग लेकर और उसे आयोजित करके पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। इसका बार-बार हिस्सा बनने के लिये लोग इस दिन का बहुत उत्सुकता से इंतजार करते है। गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी एक महीन पहले से ही शुरु हो जाती है और इस दौरान सुरक्षा कारणों से इंडिया गेट पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी जाती है जिससे किसी तरह की अपराधिक घटना को होने से पहले रोका जा सके। इससे उस दिन वहाँ मौजूद लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो जाती है।
पूरे भारत में इस दिन सभी राज्यों की राजधानीयों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी इस उत्सव पर खास प्रबंध किया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति दवारा झंडा रोहण और राष्ट्रगान के साथ होता है। इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड, राज्यों की झाकियोँ की प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ होती है। और अंत में पूरा वातावरण “जन गण मन गण” से गूँज उठता है।
इस पर्व को मनाने के लिये स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी बेहद उत्साहित रहते है और इसकी तैयारी एक महीने पहले से ही शरु कर देते है। इस दिन विद्यार्थीयों अकादमी में, खेल या शिक्षा के दूसरे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये पुरस्कार, इनाम, तथा प्रमाण पत्र आदि से सम्मान किया जाता है। पारिवारिक लोग इस दिन अपने दोस्त, परिवार,और बच्चों के साथ सामाजिक स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर मनाते है। सभी सुबह 8 बजे से पहले राजपथ पर होने वाले कार्यक्रम को टी.वी पर देखने के लिये तैयार हो जाते है। इस दिन सभी को ये वादा करना चाहिये कि वो अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की समरसता और शांति को बनाए रखेंगे साथ ही देश के विकास में सहयोग करेंगे।

वर्षमुख्य अतिथिदेश
2017क्राउन प्रिंस, शेख मोहमद बिन ज़ायेद अल नाह्यानअबु धाबी
2016राष्ट्रपति, फ्रांस्वा ओलांदफ्राँस
2015राष्ट्रपति, बराक ओबामायूएसए
2014प्रधानमंत्री, शिंजों आबेजापान
2013राजा, जिग्मे केसर नामग्याल वाँगचुकभूटान
2012प्रधानमंत्री, यिंगलुक शिनवात्राथाईलैंड
2011राष्ट्रपति, सुसीलो बमबंग युद्धोयुनोइंडोनेशिया
2010राष्ट्रपति, ली म्यूंग बककोरिया गणराज्य
2009राष्ट्रपति, नूरसुलतान नजरबयेवकज़ाकिस्तान
2008राष्ट्रपति, निकोलस सरकोजीफ्रांस
2007राष्ट्रपति, व्लादिमीर पुतिनरुस
2006राजा, अब्दुल्ला बिन अब्दुल्लाजिज़ अल-सऊदसऊदी अरेबिया
2005राजा, जिग्मे सिंघे वाँगचुकभूटान
2004राष्ट्पति, लूइज़ इनैसियो लूला दा सिल्वाब्राजील
2003राष्ट्पति, मोहम्मदम खतामीइरान
2002राष्ट्पति, कसाम उतीममॉरीशस
2001राष्ट्पति, अब्देलाज़िज बुटेफ्लिकाअलजीरीया
2000राष्ट्पति, ओलूसेगुन ओबाझाँजोनाइजीरिया
1999राजा बिरेन्द्र बीर बिक्रम शाह देवनेपाल
1998राष्ट्रपति, जैक्स चिराकफ्रांस
1997प्रधानमंत्री, बासदियो पांडेयत्रिनीनाद और टोबैगो
1996राष्ट्रपति, डॉ फरनॉनडो हेनरिक कारडोसोब्राजील
1995राष्ट्रपति, नेल्सन मंडेलादक्षिण अफ्रिका
1994प्रधानमंत्री, गोह चोक टोंगसिंगापुर
1993प्रधानमंत्री, जॉन मेजरयूके
1992राष्ट्रपति, मारियो सोर्सपुर्तगाल
1991राष्ट्रपति, मौमून अब्दुल गयूममालदीव
1990प्रधानमंत्री, अनिरुद्ध जुगनौतमॉरीशस
1989गुयेन वैन लिंहवियतनाम
1988राष्ट्रपति, जुनियस जयवर्द्धनेश्रीलंका
1987राष्ट्रपति, ऐलेन गार्सियापेरु
1986प्रधानमंत्री, एँड्रियास पपनड्रीयुग्रीस
1985राष्ट्रपति, रॉल अलफोन्सिनअर्जेन्टीना
1984राजा जिग्मे सिंघे वाँगचुकभूटान
1983राष्ट्रपति, सेहु शगारीनाइजीरिया
1982राजा, जॉन कार्लोस प्रथमस्पेन
1981राष्ट्रपति, जोस लोपेज़ पोरेटील्लोमेक्सिको
1980राष्ट्रपति, वलेरी गिस्कार्ड द इस्टेइंगफ्रांस
1979प्रधानमंत्री, मलकोल्म फ्रेज़रऑस्ट्रेलिया
1978राष्ट्रपति, पैट्रीक हिलेरीऑयरलौंड
1977प्रथम सचिव, एडवर्ड गिरेकपौलैण्ड
1976प्रधानमंत्री, जैक्स चिराकफ्रांस
1975राष्ट्रपति, केनेथ कौंडाजांबिया
1974राष्ट्रपति, जोसिप ब्रौज टीटोयूगोस्लाविया
प्रधानमंत्री, सिरीमावो रतवत्ते दियास बंदरनायकेश्रीलंका
1973राष्ट्रपति, मोबुतु सेस सीकोजैरे
1972प्रधानमंत्री, सीवुसागर रामगुलाममॉरीशस
1971राष्ट्रपति, जुलियस नीयरेरेतंजानिया
1970-
1969प्रधानमंत्री, टोडर ज़िकोवबुल्गारिया
1968प्रधानमंत्री, एलेक्सी कोज़ीगिनसोवियत यूनियन
राष्ट्रपति, जोसिप ब्रोज टीटोयूगोस्लाविया
1967-
1966-
1965खाद्य एवं कृषि मंत्री, राना अब्दुल हामिदपाकिस्तान
1964-
1963राजा, नोरोदम शिनौककंबोडिया
1962-
1961रानी, एलिज़ाबेथ द्वितीययूके
1960राष्ट्रपति, क्लिमेंट वोरोशिलोवसोवियत संघ
1959-
1958मार्शल यि जियानयिंगचीन
1957-
1956-
1955गर्वनर जनरल, मलिक गुलाम मोहम्मदपाकिस्तान
1954राजा, जिग्मे दोरजी वाँगचुकभूटान
1953-
1952-
1951-
1950राष्ट्रपति, सुकर्नोंइंडोनेशिया

गणतंत्र दिवस भाषण - 1

मेरी आदरणीय प्रधानाध्यापक मैडम, मेरे आदरणीय सर और मैडम और मेरे सभी सहपाठियों को सुबह का नमस्कार। हमारे गणतंत्र दिवस पर कुछ बोलने के लिये ऐसा एक महान अवसर देने के लिये मैं आपको धन्यवाद देना चाहूंगा। मेरा नाम अनन्त श्रीवास्तव है और मैं कक्षा 6 में पढ़ता हूँ।

आज, हमारे राष्ट्र के 66वें गणतंत्र दिवस को मनाने के लिये हम सभी यहाँ पर एकत्रित हुए हैं। हम सभी के लिये ये एक महान और शुभ अवसर है। हमें एक-दूसरे को बधाई देना चाहिये और अपने राष्ट्र के विकास और समृद्धि के लिये भगवान से दुआ करनी चाहिये। हर वर्ष 26 जनवरी को भारत में हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। हमलोग 1950 से ही लगातार भारत का गणतंत्र दिवस मना रहें हैं क्योंकि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां देश के नेतृत्व के लिये अपने नेता को चुनने के लिये जनता अधिकृत है। डॉ राजेन्द्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे। 1947 में ब्रिटिश शासन से जब से हमने स्वतंत्रता प्राप्त की है, हमारे देश ने बहुत विकास किया है और ताकतवर देशों में गिना जाने लगा है। विकास के साथ, कुछ कमियाँ भी खड़ी हुई हैं जैसे असमानता, गरीबी, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, अशिक्षा आदि। अपने देश को विश्व का एक बेहतरीन देश बनाने के लिये समाज में ऐसे समस्याओं को सुलझाने के लिये हमें आज प्रतिज्ञा लेने की जरुरत है।
धन्यवाद, जय हिन्द!

गणतंत्र दिवस भाषण - 2

मैं अपने आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षिका, और मेरे सभी सहपाठियों को सुबह का नमस्कार कहना चाहूंगा। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम सभी यहाँ अपने राष्ट्र का 68वां गणतंत्र दिवस मनाने के लिये एकत्रित हुए हैं। ये हम सभी के लिये बेहद शुभ अवसर है। 1950 से, हम गणतंत्र दिवस को हर वर्ष ढ़ेर सारे हर्ष और खुशी के साथ मनाते हैं। उत्सव की शुरुआत के पहले, हमारे मुख्य अतिथि देश के राष्ट्रीय ध्वज़ को फहराते हैं। इसके बाद हम सभी खड़े होते हैं और राष्ट्र-गान गाते हैं जो कि भारत की एकता और शांति का प्रतीक है। हमारा राष्ट्र-गान महान कवि रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया है।
हमारे राष्ट्रीय ध्वज़ में तीन रंग और 24 बराबर तीलियों के साथ मध्य में एक चक्र है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज़ के सभी तीन रंगों का अपना अर्थ है। सबसे ऊपर का केसरिया रंग हमारे देश की मजबूती और हिम्मत को दिखाता है। मध्य का सफेद रंग शांति को प्रदर्शित करता है जबकि सबसे नीचे का हरा रंग वृद्धि और समृद्धि को इंगित करता है। ध्वज़ के मध्य में 24 बराबर तीलियों वाला एक नेवी नीले रंग का चक्र है जो महान राजा अशोक के धर्म चक्र को प्रदर्शित करता है।
हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं क्योंकि 1950 में ही इस दिन भारतीय संविधान अस्तित्व में आया था। गणतंत्र दिवस उत्सव में, इंडिया गेट के सामने नयी दिल्ली में राजपथ़ पर भारत की सरकार द्वारा एक बड़ा आयोजन किया जाता है। हर साल, इस उत्सव की चमक को बढ़ाने के साथ ही “अतिथि देवो भव:” के कथन के उद्देश्य को पूरा करने के लिये एक मुख्य अतिथि (देश के प्रधानमंत्री) को बुलाया जाता है। भारतीय सेना इस अवसर पर परेड के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज़ को सलामी देती है। भारत में विविधता में एकता को प्रदर्शित करने के लिये अलग-अलग राज्यों के द्वारा भारतीय संस्कृति और परंपरा की एक बड़ी प्रदर्शनी भी दिखायी जाती है।

गणतंत्र दिवस भाषण - 3

मैं अपने आदरणीय प्रधानाध्यापक, मेरे शिक्षकगण, मेरे वरिष्ठ और सहपाठीयों को सुबह का नमस्कार कहना चाहूंगा। चलिये मैं आप सबको इस खास अवसर के बारे में कुछ जानकारी देता हूं। आज हम सभी अपने राष्ट्र का 68वां गणतंत्र दिवस मना रहें हैं। 1947 में भारत की आजादी के ढाई साल बाद इसको मनाने की शुरुआत सन् 1950 से हुई। हम इसे हर वर्ष 26 जनवरी को मनाते हैं क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान अस्तित्व में आया था। 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी पाने के बाद, भारत एक स्व-शासित देश नहीं था आर्थात् एक संप्रभु राज्य नहीं था। भारत एक स्व-शासित देश बना जब 1950 में इसका संविधान लागू हुआ।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है जिसका यहाँ पर शासन करने के लिये कोई राजा या रानी नहीं है हालांकि यहाँ की जनता यहाँ की शासक है। इस देश में रहने वाले हरेक नागरिक के पास बराबर का अधिकार है, बिना हमारे वोट के कोई भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है। देश को सही दिशा में नेतृत्व प्रदान करने के लिये हमें अपना सबसे अच्छा प्रधानमंत्री या कोई भी दूसरा नेता चुनने का ह़क है। हमारे नेता को अपने देश के पक्ष में सोचने के लिये पर्याप्त दक्षता होनी चाहिये। देश के सभी राज्यों, गाँवों और शहरों के बारे में उसको एक बराबर सोचना चाहिये जिससे नस्ल, धर्म, गरीब, अमीर, उच्च वर्ग, मध्यम वर्ग, निम्न वर्ग, अशिक्षा आदि के बिना किसी भेदभाव के भारत एक अच्छा विकसित देश बन सकता है।
देश के पक्ष में हमारे नेताओं को प्रभुत्वशाली प्रकृति का होना चाहिये जिससे हर अधिकारी सभी नियमों और नियंत्रकों को सही तरीके से अनुसरण कर सकें। इस देश को एक भष्ट्राचार मुक्त देश बनाने के लिये सभी अधिकारियों को भारतीय नियमों और नियामकों का अनुगमन करना चाहिये। “विविधता में एकता” के साथ केवल एक भष्टाचार मुक्त भारत ही वास्तविक और सच्चा देश होगा। हमारे नेताओं को खुद को एक खास व्यक्ति नहीं समझना चाहिये, क्योंकि वो हम लोगों में से ही एक हैं और देश को नेतृत्व देने के लिये अपनी क्षमता के अनुसार चयनित होते हैं। एक सीमित अंतराल के लिये भारत के लिये अपनी सच्ची सेवा देने के लिये हमारे द्वारा उन्हें चुना जाता है। इसलिये, उनके अहम और सत्ता और पद के बीच में कोई दुविधा नहीं होनी चाहिये।
भारतीय नागरिक होने के नाते, हम भी अपने देश के प्रति पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। हमें अपने आपको नियमित बनाना चाहिये, ख़बरों को पढ़ें और देश में होने वाली घटनाओं के प्रति जागरुक रहें, क्या सही और गलत हो रहा है, क्या हमारे नेता कर रहें हैं और सबसे पहले क्या हम अपने देश के लिये कर रहें हैं। पूर्व में, ब्रिटिश शासन के तहत भारत एक गुलाम देश था जिसे हमारे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के द्वारा बहुत वर्षों के संर्घषों के बाद आजादी प्राप्त हुई। इसलिये, हमें आसानी से अपने सभी बहुमूल्य बलिदानों को नहीं जाने देना चाहिये और फिर से इसे भ्रष्टाचार, अशिक्षा, असमानता और दूसरे सामाजिक भेदभाव का गुलाम नहीं बनने देना है। आज का दिन सबसे बेहतर दिन है जब हमें अपने देश के वास्तविक अर्थ, स्थिति, प्रतिष्ठा और सबसे जरुरी मानवता की संस्कृति को संरक्षित करने के लिये प्रतिज्ञा करनी चाहिये।
धन्यवाद, जय हिन्द

गणतंत्र दिवस पर भाषण 4

मान्यवर अतिथिगण, प्रधानाचार्य, अध्यापक, अध्यापिकाएं, मेरे सीनियर और मेरे सहपाठी, सुबह की नमस्ते। मेरा नाम.......। मैं कक्षा....में पढ़ती/पढ़ता हूँ। अपने इस महान उत्सव गणतंत्र दिवस पर भाषण देना मेरे लिये बहुत सौभाग्य की बात है। सबसे पहले, मैं अपने कक्षा अध्यापक को इस महान भारतीय गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुझे बोलने का मौका देने के लिये हार्दिक अभिनंदन करती/करता हूँ। मेरे प्रिय साथियों, हम आज यहाँ अपने राष्ट्र का सबसे विशेष उत्सव मनाने के लिये एकत्र हुये हैं। हम प्रति वर्ष 26 जनवरी को भारतीय संविधान के लागू होने और भारत को एक गणतंत्र देश के रुप में घोषित होने के कारण गणतंत्र दिवस मनाते हैं।
मुझे भारत का नागरिक होने पर बहुत गर्व है। इस दिन पर, हम अपने गणतंत्र देश के लिये दिल से सम्मान प्रदर्शित करने के लिये भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फहराते और राष्ट्रीय गान गाते हैं। ये पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, शैक्षिण संस्थाओं, बैंको और भी बहुत से स्थानों पर मनाया जाता है। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था। 1947 से 1950 के बीच का समय परिवर्तन का समय था और किंग जार्ज प्रथम राज्य के प्रमुख वहीं लार्ड मांउटबेटेन और सी. राजगोपालचार्य जी भारत के गवर्नर बने थे।
भारत सरकार अधिनियम 1935 को भारतीय संविधान के 26 जनवरी 1950 के अस्तिस्व में आने के बाद भारत के सरकारी कागजातों के रुप में रख दिया था। 1949 में भारत के संविधान को संवैधानिक समिति द्वारा 26 नवम्बर को ग्रहण किया गया था हांलाकि इसे लोकतांत्रिक सरकारी प्रणाली के साथ बाद में 1950 को देश को एक पूरा तरह से स्वतंत्र गणराज्य के रुप में घोषित किया गया था। 26 जनवरी को विशेष रुप से इसलिये चुना गया क्योंकि इस समान दिन पर 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता अर्थात् पूर्ण स्वराज्य घोषित किया था। 1950 में, संविधान को ग्रहण करने बाद, गणतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति, राजेन्द्र प्रसाद बने थे।
भारतीय सेनाओं (सभी तीनों सेनाओं द्वारा) राष्ट्रीय राजधानी (नई दिल्ली) के साथ-साथ देश के राज्यों की राजधानियों में भी एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय राजधानी की परेड रायसीना हिल (राष्ट्रपति भवन के पास, भारतीय राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास स्थान) से शुरु होकर और राजपथ से होते हुये पुराने इंडिया गेट पर समाप्त होती है। भारतीय सेना के साथ, देश के राज्य भी अपने देश की संस्कृति और परंपराओं को दिखाने के लिये परेड में भाग लेते हैं। इस दिन पर, हमारा देश, मुख्य अतिथि (किसी दूसरे देश के राजा, प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति) को 26 जनवरी पर “अतिथि देवो भव” की परंपरा को निभाते हुये आमंत्रित करता है। भारत के राष्ट्रपति, भारतीय सेनाओं के कमांडर-इन-चीफ, भारतीय सेनाओं द्वारा सलामी लेते हैं। भारत के प्रधानमंत्री, अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट पर शहीद हुये भारतीय सैनिकों को पुष्प अर्पित करके श्रद्धाजंलि देते हैं। गणतंत्र दिवस का उत्सव 29 जनवरी तक लगातार जारी रहता है जो बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ समाप्त होता है। इस दिन पर, प्रत्येक भारतीय संविधान के लिये अपनी/अपना सम्मान प्रदर्शित करते हैं।
जय हिन्द, जय भारत

गणतंत्र दिवस पर भाषण 5

सम्मानीय प्रधानाचार्य, अध्यापक, अध्यापिकाएं, मेरे सहपाठियों को सुबह की नमस्ते। मेरा नांम.......। मैं कक्षा.......में पढ़ता/पढ़ती हूँ। मैं आपके सामने गणतंत्र दिवस पर भाषण दे रहा/रही हूँ। मैं अपने कक्षा अध्यापक की बहुत आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे गणतंत्र दिवस के इस महान अवसर पर अपने विचार रखने का मौका दिया। मेरे प्यारे मित्रों, हम इस राष्ट्रीय उत्सव को हर साल संविधान निर्माण की याद और इसके सम्मान में मनाया जाता है। ये सभी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षक और विद्यार्थियों द्वारा मनाया जाता है, हांलाकि, पूरे देश के सभी राज्यों के सरकारी कार्यालयों और अन्य संस्थानों में भी मनाया जाता है। मुख्य कार्यक्रम, भारत के राष्ट्रपति और दूसरे देश के आमंत्रित मुख्य अतिथि के सामने राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली, राजपथ, इंडिया गेट पर होता है। एक भव्य समारोह परेड भारत के लिये अपनी कृतज्ञता प्रदर्शित करने के लिये राजपथ पर आयोजित की जाती है।
इस दिन पर, भारत का संविधान 1950 में अस्तित्व में आया था, हांलाकि, इसे संविधान सभा के द्वारा 26 नवम्बर 1949 को ग्रहण किया गया था। 26 जनवरी को, 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के द्वारा भारत को पूर्ण स्वराज्य घोषित किया गया था यही कारण है कि 26 जनवरी को ही भारत के संविधान को लागू करने के लिये चुना गया। इसके क्रियाशील होने के बाद, भारतीय संघ, आधिकारिक रुप से इसी समय से भारत गणतंत्र राज्य हो गया जिसने भारतीय सरकार अधिनियम 1935 को मौलिक सरकार कागजातो से प्रतिस्थापित कर दिया। हमारा देश संविधान के द्वारा समप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणतंत्र घोषित कर दिया गया। हमारा संविधान भारत के नागरिकों के बीच न्याय, स्वतंत्रता और सम्मान को सुनिश्चित करता है।
हमारे संविधान का प्रारुप संविधानिक सभा (389 सदस्य) द्वारा बनाया गया था। इसके निर्माण में लगभग तीन साल (वास्तव में, 2 साल, 11 महीने और 18 दिन) लगे थे। संविधान सभा के द्वारा 1947 में, 29 अगस्त को, डॉ. भीम राव अम्बेडकर की अध्यक्षता में प्रारुप समिति का निर्माण किया था। प्रारुप समिति के मुख्य सदस्य डॉ.भीम राव अम्बेडकर, जवाहर लाल नेहरु, गणेश वासुदेव मालवांकर, सी.राजगोपालचार्य जी, संजय पाखे, बलवंत राय मेहता, सरदार वल्लभभाई पटेल, कैन्हया लाल मुंशी, राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अब्टुस कलाम आजाद, नालिनी रजन घोष, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और संदीप कुमार पटेल थे। प्रारुप समिति के सभी सदस्यों में से लगभग 30 से ज्यादा सदस्य अनुसूचित जाति से थे। समिति की कुछ महत्वपूर्ण महिलाएं सरोजनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, दुर्गा देवी देशमुख, हंसा मेहता और विजय लक्ष्मी पंड़ित थी। भारत का संविधान नागरिकों को खुद की सरकार चुनने के लिये अधिकार देता है।
भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी, हांलाकि, संविधान को ग्रहण करने के बाद ये सम्प्रभु, लोकतांत्रिक और गणतंत्र बना था। राष्ट्रीय राजधानी में, राष्ट्रीय तिरंगे को 21 तोपो की सलामी दी जाती है और इसके बाद राष्ट्रीयगान जन-गण-मन गाया जाता है। भारत के राष्ट्रपति और मुख्य अतिथि के सामने भारतीय सेना के द्वारा आयोजित की जाती है। स्कूल के बच्चे भी परेड में भाग लेकर नृत्य और गाने के माध्यम से अपनी कलात्मकता को प्रदर्शित करते हैं। भारत की विविधता में एकता दिखाने के लिये ये राजपथ पर राज्यों के अनुसार झांकियों को शामिल करता है।
धन्यवाद, जय हिन्द

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